vidyasagar ji maharaj ki death kaise hui,विद्यासागर जी महाराज की मृत्यु कैसी हुई

आचार्य विद्यासागर जी महाराज की मृत्यु कैसी हुई, यह एक दुखद समाचार है जो जैन समुदाय को गहरी शोक में डाल गया है। विद्यासागर जी महाराज, एक प्रमुख जैन मुनि और धर्म गुरु थे, जिन्होंने अपने जीवन के दौरान अनगिनत लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उनके निधन की खबर से उनके शिष्यों और अनुयायियों के मन में गहरा दुख है।vidyasagar ji maharaj ki death kaise hui की विस्तृत जानकारी आगे दी गयी है।इस समय, समाज के अनेक सदस्य उनकी यादों में रोने और उनके जीवन के उपकारों को याद करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। इस लेख में, हम विद्यासागर जी महाराज की मृत्यु के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को समझेंगे।

vidyasagar ji maharaj ki death kaise hui

आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर मध्यप्रदेश सरकार ने किया आधे दिन का राजकीय शोक घोषित! विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का शनिवार देर रात हुआ निधन हो गया। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। डोंगरगढ़ की चंद्रगिरी में उन्होंने 77 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। इस खबर से संपूर्ण जैन समाज में शोक की लहर है। देश भर के जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों ने उनके सम्मान में आज एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है। वहीं उनके निधन पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है और मंत्री चेतन काश्यप डूंगरपुर जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, रविवार को उन्हें दोपहर 1 बजे पंचतत्व में विलिन किया जाएगा। आचार्य पिछले कई दिनों से बीमार थे और लगभग 6 महीने से वे डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में ही रुके हुए थे। रात को सूचना मिलते ही आचार्यश्री के हजारों शिष्य डोंगरगढ के लिए रवाना हो गए। आचार्यश्री की अस्वस्थता के समाचार के चलते हजारों की संख्या में उनके अनुयायी पहले से ही डोंगरगढ़ पहुंच चुके थे। उनकी समाधि की सूचना के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में अनुयायी डोंगरगढ़ की तरफ रुख कर रहे हैं। आचार्य विद्यासागर महाराज ने सल्लेखना पूर्वक समाधि के उद्देश्य से पिछले दो दिनों से अन्न जल का भी त्याग कर दिया था। आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने आज आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

गौरतलब है कि, जैन समाज के प्रमुख धर्म गुरुओं में से एक आचार्य विद्यासागर जी महाराज थे। कुछ महीने पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात की थी, जिसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।

पीएम मोदी ने संवेदना व्यक्त की :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य विद्यासागर के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, मेरे विचार और प्रार्थनाएँ आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी, विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए। मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था।

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